अनिल अंबानी की कंपनी रिलायंस पावर लिमिटेड के शेयरों में सोमवार को लगातार तीसरे कारोबारी सत्र में कमजोरी दर्ज की गई। पावर कंपनी के शेयर 0.30 प्रतिशत की गिरावट के साथ 66.87 रुपये पर ठहरे। हालांकि, बीते एक महीने में इस शेयर ने 48.34 प्रतिशत की छलांग लगाई है। सालभर में यह स्टॉक 120% तक ऊपर चला गया।
जाने क्या है डिटेल
बीएसई और एनएसई ने आरपावर की प्रतिभूतियों को अल्पकालिक एएसएम (अतिरिक्त निगरानी उपाय) ढांचे के अंतर्गत शामिल किया है। आम तौर पर शेयरों में तेज उतार-चढ़ाव के मद्देनज़र एक्सचेंज इन प्रतिभूतियों को अल्पकालिक या दीर्घकालिक एएसएम फ्रेमवर्क में रखते हैं, ताकि निवेशकों को संभावित जोखिम को लेकर सतर्क किया जा सके।
व्यापारिक गतिविधियों के मामले में, रिलायंस एनयू एनर्जीज (आरपावर की एक सहायक इकाई) को हाल ही में सरकारी कंपनी एसजेवीएन लिमिटेड की ओर से 350 मेगावाट अंतर-राज्यीय ट्रांसमिशन सिस्टम (ISTC) से जुड़ी सोलर एनर्जी परियोजना के लिए लेटर ऑफ अवार्ड (LOA) प्रदान किया गया है। यह परियोजना 175 मेगावाट / 700 मेगावाट घंटा बैटरी एनर्जी स्टोरेज सिस्टम (BESS) के साथ एकीकृत की गई है।
इससे पहले कंपनी ने 2,000 करोड़ रुपये के संयुक्त उपक्रम में भारत की सबसे बड़ी सोलर ऊर्जा परियोजना तैयार करने के उद्देश्य से भूटान की ड्रक होल्डिंग एंड इन्वेस्टमेंट्स (DHI) के साथ साझेदारी की थी। 500 मेगावाट की यह परियोजना बिल्ड-ओन-ऑपरेट (BOO) मॉडल के अंतर्गत 50:50 साझेदारी में स्थापित की जानी है।
जाने एनालिस्ट की राय
कुछ एनालिस्ट्स ने मौजूदा स्तरों पर मुनाफावसूली की संभावना जताई है। उनमें से एक विश्लेषक ने इशारा किया कि यदि शेयर 64 रुपये के स्तर से नीचे ठहरता है, तो यह फिर से 52-54 रुपये के दायरे में लुढ़क सकता है।एंजेल वन में सीनियर एनालिस्ट – तकनीकी और डेरिवेटिव रिसर्च ओशो कृष्ण ने बताया कि पिछले पांच सत्रों में आरपावर में मजबूती का सिलसिला देखा गया है, जिससे स्टॉक ओवरबॉट ज़ोन में पहुंच गया है। हाल ही में इसने 52-54 रुपये की सीमा को पार किया और 52-सप्ताह के नए उच्चतम स्तर पर स्थिर हुआ।
हालांकि, इस तेज बढ़त के साथ-साथ, स्टॉक की गति में कुछ कमी उभर सकती है और मुनाफावसूली की प्रक्रिया शुरू हो सकती है। तकनीकी रूप से, यदि यह स्टॉक 64 रुपये से नीचे बंद होता है, तो यह निकट अवधि में फिर से अपने ब्रेकआउट ज़ोन 52-54 रुपये की ओर लौट सकता है।आनंद राठी में वरिष्ठ प्रबंधक (तकनीकी अनुसंधान विश्लेषक) जिगर एस पटेल ने बताया कि इस काउंटर पर समर्थन 64 रुपये और प्रतिरोध 69 रुपये पर देखा जा सकता है। उन्होंने कहा, “69 रुपये के ऊपर एक निर्णायक मूवमेंट 75 रुपये तक की और चढ़ाई सक्रिय कर सकता है। अनुमानित ट्रेडिंग रेंज अल्पकालिक रूप में 64 रुपये से 75 रुपये के बीच रह सकती है।”
सेबी में पंजीकृत स्वतंत्र रिसर्च एनालिस्ट एआर रामचंद्रन ने बताया, “रिलायंस पावर इस समय मंदी के रुझान में दिख रही है, लेकिन दैनिक चार्ट पर 76.5 रुपये का मजबूत प्रतिरोध स्थापित है। निवेशकों को मुनाफावसूली कर लेनी चाहिए, क्योंकि 65 रुपये के सपोर्ट से नीचे डेली क्लोजिंग होने पर यह स्टॉक निकट अवधि में 52 रुपये के लक्ष्य तक गिर सकता है।7 मई, 2025 तक अनिल अंबानी की अगुवाई वाली इस इकाई में प्रमोटरों की 24.98 प्रतिशत हिस्सेदारी मौजूद थी।